विदेश में शिक्षा हासिल करना पहले की तुलना में अब आसान हो गया है। ऐसे विद्यार्थियों की संख्या में अब साल दर साल इजाफा हो रहा है जो दूसरे देशों में जाकर अपनी उच्च शिक्षा पूरी करना चाहते हैं। विदेश में उच्च शिक्षा, काफी महंगा सौदा होता है इसलिए यह जरूरी है कि विद्यार्थी पहले से ही यह भलीभांति तय कर लें कि उन्हें किस विषय का अध्ययन करना है। इस दिशा में उठाया गया एक गलत कदम उनके लिए समय और धन दोनों की बरबादी का सबब बन सकता है।
रुचि हो प्राथमिकता
किसी भी कॅरियर एक्सपर्ट से आप बात करें, वह यही कहेगा कि विद्यार्थी को अध्ययन के लिए उसी विषय का चयन करना चाहिए जिसे पढने में उसे मजा आता हो। जिन विषयों में आपका मन लगता है, आप उसी में बेहतर कर सकते हैं। बेमन वाले विषयों में लाख प्रयासों के बाद भी संभवत: आप अपना संपूर्ण ध्यान केंद्रित नहीं कर पाएंगे। परिणाम यह होगा कि आप इस तरह के विषयों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकेंगे और आपको वह मंजिल हासिल नहीं हो पाएगी जो आपने अपने लिए निर्धारित की है। यह बात अच्छी तरह समझ लें कि जिस विद्यार्थी की रुचि बायो केमिस्ट्री में है वह मैथ्स में शायद बडी उपलब्धियां हासिल न कर सके।
बैकग्राउंड का ध्यान रखें
विषय चयन करने से पहले यह भी देख लें कि जिस सब्जेक्ट को आप चुन रहे हैं, उसमें आपकी बैकग्राउंड कैसी रही है। इस सब्जेक्ट में आप अच्छे अंक लाते रहें हैं या नहीं। अगर विषय में आप कभी अच्छे अंक नहीं ला सके हैं तो इसका चयन आगे के लिए मुश्किलों भरा हो सकता है। वहीं अगर हमेशा इस सब्जेक्ट में आपके अच्छे अंक आए हैं तो नि›ित ही आप इसकी अच्छी सामान्य जानकारी रखते हैं और इसका चुनाव किसी भी दशा में आपके लिए गलत नहीं है। किसी भी विषय की सामान्य जानकारी होने से उसमें और आगे नई चीजें सीखना आसान ही रहता है।
फील्ड का भी रखें ध्यान
किसी भी विषय का चयन करने से पूर्व यह भी नापतोल कर देख लें कि इसमें आने वाले समय में स्कोप कितना है। जॉब आसानी से मिल जाएगी कि नहीं। कई बार देखने में आता है कि बहुत से छात्र आज की जॉब सिचुएशन को ही ध्यान में रखते हुए सब्जेक्ट चुन लेते हैं लेकिन जब दो-तीन साल बाद वे अपनी शिक्षा पूरी करके विदेश से आते हैं या वहीं जॉब तलाशने निकलते हैं तो स्थितियां परिवर्तित हो चुकी होती हैं। इस फील्ड में स्कोप पहले जैसा नहीं रह जाता है। अत: विषय वही लें जिसमें आगे लंबे समय तक नौकरियों के अवसर बने रहें।
सलाह विशेषज्ञों से
विषय का चयन करने से पहले यदि विशेषज्ञों से सलाह ले ली जाए तो अच्छा रहता है। आप जिस सब्जेक्ट को चुनना चाहते हैं, उस फील्ड में काम कर रहे लोगों या पढा रहे अध्यापकों से उसकी बारीकियों और उसमें परिवर्तन के आधार पर इस समय स्कोप क्या है आदि के बारे में जानकारी हासिल कर लें। देखिएगा, इस संबंध में विशेषज्ञों की सलाह से लिया गया निर्णय संभवत: कभी गलत साबित नहीं होगा।
देश के आधार पर विषय चयन
स्टडी एब्रॉड की चाह रखने वाले युवाओं को अपने लिए विषय का चयन पहले करना चाहिए और बाद में उसी के आधार पर देश निर्धारित करना चाहिए। विभिन्न विषयों के आधार पर कई प्रमुख स्टडी एब्रॉड केंद्र अपनी उल्लेखनीय पहचान बना चुके हैं। उदाहरण के तौर पर अगर आप ने अपने लिए मेडिकल से जुडे विषय का चयन किया है तो आपको रूस, यूके, फ्रांस आदि देशों को चुनना चाहिए वहीं अगर आपने अपना विषय इलेक्ट्रानिक्स चुना है तो जापान, चीन आदि ही श्रेष्ठ विकल्प होंगे।
एक पहलू : स्वदेश
विषय का चयन करने से पहले इस बात पर भी विचार कर लेना चाहिए कि आप जिस देश के नागरिक हैं, वहां इस विषय को लेकर माहौल कैसा है। यहां इसका स्कोप है कि नहीं। विदेश से पढाई करके आने के बाद यहां इस फील्ड में नया सीखने और काम करने से अवसर मिलेंगे भी कि नहीं। यहां जो कंपनियां हैं या संस्थान हैं वहां जॉब पर आपको कितना धन मिलेगा। यह पहलू भी विषय निर्धारित करने में अहम होने चाहिए ताकि आगे आपको किसी भी तरह की समस्याओं का सामना न करना पडे। इस तरह की छोटी से छोटी जानकारी आपको हमेशा आगे ले जाने का काम करेगी।
रिसर्च की संभावना
आज का जमाना रिसर्च का है। अधिकतर विद्यार्थी उन्हीं विषयों का चयन कर रहे हैं जिनमें पर्याप्त शोध की उम्मीदें बनी रहती हैं। विदेश में जाकर जो लोग शिक्षा हासिल करना चाहते हैं उन्हें भी हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आगे बढने के लिए उन्हीं विषयों का चयन करें जिसमें कुछ नया करने की संभावना हर समय बनी रहे।
रुचि हो प्राथमिकता
किसी भी कॅरियर एक्सपर्ट से आप बात करें, वह यही कहेगा कि विद्यार्थी को अध्ययन के लिए उसी विषय का चयन करना चाहिए जिसे पढने में उसे मजा आता हो। जिन विषयों में आपका मन लगता है, आप उसी में बेहतर कर सकते हैं। बेमन वाले विषयों में लाख प्रयासों के बाद भी संभवत: आप अपना संपूर्ण ध्यान केंद्रित नहीं कर पाएंगे। परिणाम यह होगा कि आप इस तरह के विषयों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकेंगे और आपको वह मंजिल हासिल नहीं हो पाएगी जो आपने अपने लिए निर्धारित की है। यह बात अच्छी तरह समझ लें कि जिस विद्यार्थी की रुचि बायो केमिस्ट्री में है वह मैथ्स में शायद बडी उपलब्धियां हासिल न कर सके।
बैकग्राउंड का ध्यान रखें
विषय चयन करने से पहले यह भी देख लें कि जिस सब्जेक्ट को आप चुन रहे हैं, उसमें आपकी बैकग्राउंड कैसी रही है। इस सब्जेक्ट में आप अच्छे अंक लाते रहें हैं या नहीं। अगर विषय में आप कभी अच्छे अंक नहीं ला सके हैं तो इसका चयन आगे के लिए मुश्किलों भरा हो सकता है। वहीं अगर हमेशा इस सब्जेक्ट में आपके अच्छे अंक आए हैं तो नि›ित ही आप इसकी अच्छी सामान्य जानकारी रखते हैं और इसका चुनाव किसी भी दशा में आपके लिए गलत नहीं है। किसी भी विषय की सामान्य जानकारी होने से उसमें और आगे नई चीजें सीखना आसान ही रहता है।
फील्ड का भी रखें ध्यान
किसी भी विषय का चयन करने से पूर्व यह भी नापतोल कर देख लें कि इसमें आने वाले समय में स्कोप कितना है। जॉब आसानी से मिल जाएगी कि नहीं। कई बार देखने में आता है कि बहुत से छात्र आज की जॉब सिचुएशन को ही ध्यान में रखते हुए सब्जेक्ट चुन लेते हैं लेकिन जब दो-तीन साल बाद वे अपनी शिक्षा पूरी करके विदेश से आते हैं या वहीं जॉब तलाशने निकलते हैं तो स्थितियां परिवर्तित हो चुकी होती हैं। इस फील्ड में स्कोप पहले जैसा नहीं रह जाता है। अत: विषय वही लें जिसमें आगे लंबे समय तक नौकरियों के अवसर बने रहें।
सलाह विशेषज्ञों से
विषय का चयन करने से पहले यदि विशेषज्ञों से सलाह ले ली जाए तो अच्छा रहता है। आप जिस सब्जेक्ट को चुनना चाहते हैं, उस फील्ड में काम कर रहे लोगों या पढा रहे अध्यापकों से उसकी बारीकियों और उसमें परिवर्तन के आधार पर इस समय स्कोप क्या है आदि के बारे में जानकारी हासिल कर लें। देखिएगा, इस संबंध में विशेषज्ञों की सलाह से लिया गया निर्णय संभवत: कभी गलत साबित नहीं होगा।
देश के आधार पर विषय चयन
स्टडी एब्रॉड की चाह रखने वाले युवाओं को अपने लिए विषय का चयन पहले करना चाहिए और बाद में उसी के आधार पर देश निर्धारित करना चाहिए। विभिन्न विषयों के आधार पर कई प्रमुख स्टडी एब्रॉड केंद्र अपनी उल्लेखनीय पहचान बना चुके हैं। उदाहरण के तौर पर अगर आप ने अपने लिए मेडिकल से जुडे विषय का चयन किया है तो आपको रूस, यूके, फ्रांस आदि देशों को चुनना चाहिए वहीं अगर आपने अपना विषय इलेक्ट्रानिक्स चुना है तो जापान, चीन आदि ही श्रेष्ठ विकल्प होंगे।
एक पहलू : स्वदेश
विषय का चयन करने से पहले इस बात पर भी विचार कर लेना चाहिए कि आप जिस देश के नागरिक हैं, वहां इस विषय को लेकर माहौल कैसा है। यहां इसका स्कोप है कि नहीं। विदेश से पढाई करके आने के बाद यहां इस फील्ड में नया सीखने और काम करने से अवसर मिलेंगे भी कि नहीं। यहां जो कंपनियां हैं या संस्थान हैं वहां जॉब पर आपको कितना धन मिलेगा। यह पहलू भी विषय निर्धारित करने में अहम होने चाहिए ताकि आगे आपको किसी भी तरह की समस्याओं का सामना न करना पडे। इस तरह की छोटी से छोटी जानकारी आपको हमेशा आगे ले जाने का काम करेगी।
रिसर्च की संभावना
आज का जमाना रिसर्च का है। अधिकतर विद्यार्थी उन्हीं विषयों का चयन कर रहे हैं जिनमें पर्याप्त शोध की उम्मीदें बनी रहती हैं। विदेश में जाकर जो लोग शिक्षा हासिल करना चाहते हैं उन्हें भी हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आगे बढने के लिए उन्हीं विषयों का चयन करें जिसमें कुछ नया करने की संभावना हर समय बनी रहे।